हर इंसान को ओअनी जीवन-ज्योति से अगाध-प्रेम होता है..!
यह "ज्योति" ही "प्रेम' है..!
यह:प्रेम" ही जीवन को प्रकाशित करता है..!
जहां "प्रेम" है..वहां "जीवन" है..
जहां "घृणा" है..वहां "विनाश" है.."अनर्थ" है.."विद्वेष" है.."कलुषता" है.........
इसलिए हे मानव...उठो.!.जागो..! प्रेम की मशाल लेकर सुशुप्त-जीवात्माओ को जागृत करो..!
यह "जागृति" ही..यथार्थ-जीवन है..!
***इसलिए..जहां प्रेम है..वहा जागृति है..जहां जागृति है..वहां जीवन है...जहां जीवन है..वहां मानवता है........!!!
***"मानवता" ही सच्चा धर्म है...!!
यह "ज्योति" ही "प्रेम' है..!
यह:प्रेम" ही जीवन को प्रकाशित करता है..!
जहां "प्रेम" है..वहां "जीवन" है..
जहां "घृणा" है..वहां "विनाश" है.."अनर्थ" है.."विद्वेष" है.."कलुषता" है.........
इसलिए हे मानव...उठो.!.जागो..! प्रेम की मशाल लेकर सुशुप्त-जीवात्माओ को जागृत करो..!
यह "जागृति" ही..यथार्थ-जीवन है..!
***इसलिए..जहां प्रेम है..वहा जागृति है..जहां जागृति है..वहां जीवन है...जहां जीवन है..वहां मानवता है........!!!
***"मानवता" ही सच्चा धर्म है...!!
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