अपनी हस्ती जो तेरे कदमो पे मिटा देते है...!
अपनी हर तौर--अदाओं से तुझको मना लेते है..!
बड़े होशियार है ये भक्त तेरे क्या कहिये..??
जब ये रोते है तो तुझको भी रुला देते है..!!
ऐसी आवाज में कहते है कि तुम आ जाओ..!
तुझको आने पे ये मज़बूर बना देते है..!!
मुफलिसी हो या मुसीबत..जो ही आ जाए ईन पर..??
तेरी सौगात समझकर सर पे उठा लेते है...!!
...........अपनी.. हस्त जो तेरे कदमो पर.....!
जय--जय हे जग--जननी माता...!
ReplyDeleteद्वार तिहारे जो भी आता..बिन मागे सब कुछ पा जाता...!