एक ग्यानी हमेशा अलमस्त रहता है..!
आनंद देने वाली अलौकिक चीज सदैव उसके सामने रहती है..!
यह अकथ--कहानी है..! जिसे व्यक्त नही किया जा सकता है..!
ज्ञान प्राप्त करने के बाद हर कोई अलमस्त हो जाता है..!
जिसको ज्ञान नही है..वह संसार--सागर में डूबता रहता है..!
ग्यानी--भक्त ही जिज्ञासु को श्री सदगुरुदेव जी से मिलाते है..और आत्मा--ज्ञान प्राप्त करने के लए प्रेरित करते है..!!
"self--attainment " का अर्थ है..अपने--आपको प्राप्त कर लेना....अपने--आपको जान लेना..अपने--आपको सिद्ध कर लेना..!!
जो अपने--आपको जान कर...अपने--आपको देखते हुए ..अपने--आप में स्थित और लीन हो जाता है ..वह अपनी आत्मा से सच्चिदानंद परमात्मा को प्राप्त कर लेता है..!!
वह सदगुरुदेव जी महान है..जो अपने भक्त को परमाय्मा में रूपातीत कर देते है..!!
ऐसे सद्गुर्देव भगवान के श्री--चरणों में कोटि--कोटि प्रणाम है.....!!
It is a thing of utmost satisfaction..that..the mission to spread the spiritual knowledge throughout the world is yielding vast public support day by day..and in this direction the information technology and electronics is playing significant role..!! The world of today is a world of spiritual online quest and publication..!
ReplyDeletemitaa de apni hasti ko ki gar martawaa chaahe..?
ReplyDeleteki daana khaak me milkar gul-e-gulzaar hotaa hai..!