MANAV DHARM

MANAV  DHARM

Thursday, June 9, 2011

तत्त्व-ज्ञान से बड़ा कोई ज्ञान नहीं है..!

तत्त्व-ज्ञान से बड़ा कोई ज्ञान नहीं है..!
अनुभव से बड़ा कोई शिक्षक नहीं है..!
अनुभूति से बड़ी कोई विद्या नहीं है..!
प्रभु-भक्ति से बड़ी कोई साधना नहीं है..!
स्वाध्याय से बड़ा कोई विद्यालय नहीं है..!
इंसानियत से नाडा कोई धर्म नहीं है..!
ईष्या से बड़ा कोई वैरी नहीं है..!
पाखण्ड से बड़ा कोई छल नहीं है..!
गुरु-भक्ति से बड़ी कोई सेवा नहीं है..!
धूर्तता से बड़ा कोई अपराध नहीं है..!
जीव-हत्या से बड़ा कोई पाप नहीं है..!
निराशा से बड़ा कोई विषाद नहीं है..!
आत्म-साक्षात्कार से बड़ी कोई सफलता नहीं है..!
प्रभु-दर्शन से बड़ी कोई उपलब्धि (लाभ) नहीं है..!
दरिद्रता से बड़ा कोई दुःख नहीं है..!
संत-मिलन से बड़ी कोई संतुष्टि नहीं है..!
इमानदारी से बड़ी कोई नीति नहीं है..!
मृत्यु से बड़ा कोई वियोग नहीं है..!
जन्म से बड़ा कोई संयोग नहीं है...!
परमार्थ से बड़ा कोई यश नहीं है..!
स्वार्थ से बड़ा कोई अपयश नहीं है..!
नाम-सुमिरण से बड़ी कोई सम्पन्नता नहीं है..!
अज्ञान से बड़ी कोई दीनता नहीं है..!
ज्ञान से बड़ी कोई सम्पन्नता नहीं है..!
*****सब कुछ ..है..फिर भी कुछ नहीं है..ऐसा भाव रखने वाले मानव अपने जीवन में सदैव शांत और संतुष्ट रहते है..!







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