MANAV DHARM

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Wednesday, September 14, 2011

"अष्टांग-योग"

"अष्टांग-योग" की सफल-साधना से ही साधक के जीवन में "समाधि" घटित होती है..!
वह कुल धन्य है..वह माता-पिता धन्य है..वह जीवन धन्य है..वह गुरु धन्य है..वह घर धन्य है..जहां पार
ऐसे "साधक' ..अपनी साधना में सदैव-तत्पर रहते है ...!!

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