MANAV DHARM

MANAV  DHARM

Wednesday, October 19, 2011

***सत्य के समान कोई तप नहीं है

"सांच बराबर तप नहीं..झूठ बराबर पाप..!
जाके हिरदै सांच है..ताके हिरदै आप...!!
***सत्य के समान कोई तप नहीं है..और झूठ के समान कोई पाप नहीं है..!
जिस मानव के ह्रदय में "सत्य" है..उसके अन्दर साक्षात "सत्य-नारायण" विराजमान  है..!
** सत्य ही परमात्मा है..परमात्मा ही सत्य है..!
वही..सत है..चित है..आनन्द है.."सच्चिदानंद" है..!
जिस मानव ने इन्हें तत्त्व से जान लिया..अनुभव कर लिया..वह सदा-सर्वदा के लिए "तद्रूप" हो गया.."तथागत" हो गया..!
**इसलिए हर मानव के जीवन का यह ध्येय होना चाहिए..कि वह अपने अद्नर विद्यमान सत्य को तत्त्व रूप में जानकर  उसकी तात्विक-साधना-पारायण करे..!

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