MANAV DHARM

MANAV  DHARM

Thursday, January 28, 2016

HAPPY BHAIYA DOOJ

HAPPY BHAIYA DOOJ
भगवान सूर्य नारायण की पत्नी का नाम 'छाया' था। उनकी कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ था। यमुना यमराज से बड़ा स्नेह करती थी। वह उससे हमेशा निवेदन करती कि इष्ट मित्रों सहित उसके घर आकर भोजन करो। अपने कार्य में व्यस्त होने के कारण यमराज हमेशा बात को टालता रहते।
कार्तिक शुक्ला का दिन आया। यमुना ने उस दिन फिर यमराज को भोजन के लिए निमंत्रण दिया और उन्हें अपने घर आने के लिए वचनबद्ध कर लिया।
यमराज ने सोचा कि मैं तो प्राणों को हरने वाला हूं। मुझे कोई भी अपने घर नहीं बुलाना चाहता। बहन जिस सद्भावना से मुझे बुला रही है, उसका पालन करना मेरा धर्म है। बहन के घर आते समय यमराज ने 'नरक निवास' करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया।
भाई यमराज को अपने घर आया देखकर बहन यमुना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने स्नान कर पूजन करके व्यंजन परोसकर भोजन कराया। यमुना द्वारा किए गए आतिथ्य से यमराज ने प्रसन्न होकर बहन को वर मांगने का आदेश दिया।
यमुना ने कहा कि भाई ! यदि आप मेरे से खुश ही हो तो आप प्रति वर्ष इसी दिन मेरे घर आया करो और जो बहन मेरी तरह इस दिन अपने भाई को आदर सत्कार करके 'टीका' करे, उन्हें तुम्हारा भय न रहे।
यमराज ने तथास्तु कहकर यमुना को अमूल्य वस्त्राभूषण का उपहार देकर यमलोक की राह ली। इसी दिन से इस 'पर्व' को बनानें की परम्परा बनी।
ऐसी मान्यता है कि जो भाई इस दिन अपनी बहन का आतिथ्य स्वीकार करते हैं, उन्हें यम का भय नहीं रहता। इसीलिए भैयादूज को यमराज तथा यमुना का पूजन किया जाता है l

No comments:

Post a Comment