MANAV DHARM

MANAV  DHARM

Friday, April 8, 2011

समय अनमोल है..!

समय अनमोल है..!
समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता..!
संत तुलसीदासजी कहते है..
का वारसा जब कृषि सुखाने..समय चूकि पुनि क्या पछिताने..!!
जब मनमोल समय निकल जाता है..तो लोग हाथ मलते रह जाते है..!
समय फिर लौट कर नहीं आता..! जैसे अवसर कूद चल कर किसी के पास नहीं आता..! यह सर्व मान्य है कि..अवसर पैदा नहीं किये जाते..अपितु प्राप्त किये जाते है..!

समय का सबसे-सार्थक..सर्वोत्तम--सर्वोपरि सदुपयोग परमात्मा के निरंतर भजन-सुमिरन-चिंताम में
इसीलिए कहा है कि....
स्वांश-स्वांश सुमिरो गोविन्द..वृथा स्वांश मत खोय..!!
इस मानव-शरीर में स्वांश का आना-जाना समय के अवाध-गति का परिचायक है..!
जब हम इन स्वांशो की गति में अपने मन -रूपी वीणा से प्रभु-नाम के सतत- सुमिरन की गति को जोड़ने और बांधने में सफल हो जायेगे..तो सचमुच में हम शाश्वत आनंद को प्राप्त कर लेगे..!
..युगों-युगों में संत-महान-पुरुषो ने यही सन्देश देकर मानव के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया..!!
..ॐ श्री सदगुरु चरण कमलेभ्यो नमः...!!

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