MANAV DHARM

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Wednesday, April 13, 2011

सभी प्रभु-प्रेमी भक्तो..गुरुभाइयो..गुरुबहानो और इष्ट-मित्रो को बैसाखी-पर्व की हार्दिक-शुभकामनाये..!

सभी प्रभु-प्रेमी भक्तो..गुरुभाइयो..गुरुबहानो और इष्ट-मित्रो को बैसाखी-पर्व की हार्दिक-शुभकामनाये..!
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बैसाखी-पर्व श्री गुरुदेवजी के श्री-चरणों में आत्मोत्सर्ग..आत्म-समर्पण का पर्व है..!
यह हमेह्षा 13 (तेरह) तारीख को ही मनाया जाता है.. !
तेरह से ही तेरा-तेरा का वोध होता है..!
अर्थात..सब कुछ..तन-मन-धन...सब तेरा ही है..!
समर्पण की यह भावना ही भक्त को अमृतमय बना देती ही..!
नहीं ऐसो जन्म बारम्बार..!
गुरुनानक्देव्जी कहते है...
लाख-चौरासी भरम दियो मानुष तन पायो..कह नानक नाम संभाल सो दिन नेड़े आयो...!!
चौरासी लाख योनियों में भटकने के बाद यह मनुष्य का शरीर मिलाता है..!
गुरु नानकदेवजी कहते है..प्रभु का जो पावन नाम है वह बहुत हिफाजत से इस शरीर के साथ मिला है..इसलिए इस "नाम" का साधन करने मात्र से ही मुक्ति मिल जाती है..फिर यह जन्म मिलने वाला नहीं है..!
इस "नामामृत " का पान करने वाले सदैव के लिए आवागमन के चक्र से छुट जाते है..!
**ॐ श्री सदगुरुचरण कमलेभ्यो नमः...!!!

1 comment:

  1. बहुत अच्छी पोस्ट, शुभकामना, मैं सभी धर्मो को सम्मान देता हूँ, जिस तरह मुसलमान अपने धर्म के प्रति समर्पित है, उसी तरह हिन्दू भी समर्पित है. यदि समाज में प्रेम,आपसी सौहार्द और समरसता लानी है तो सभी के भावनाओ का सम्मान करना होगा.
    यहाँ भी आये. और अपने विचार अवश्य व्यक्त करें ताकि धार्मिक विवादों पर अंकुश लगाया जा सके., हो सके तो फालोवर बनकर हमारा हौसला भी बढ़ाएं.
    मुस्लिम ब्लोगर यह बताएं क्या यह पोस्ट हिन्दुओ के भावनाओ पर कुठाराघात नहीं करती.

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