MANAV DHARM

MANAV  DHARM

Thursday, December 23, 2010

bhajan..Ganga...!!

अपनी  हस्ती जो  तेरे  कदमो  पे  मिटा  देते  है...!
अपनी  हर  तौर--अदाओं  से  तुझको  मना  लेते  है..!
बड़े  होशियार  है  ये  भक्त  तेरे  क्या  कहिये..??
जब  ये  रोते  है  तो  तुझको  भी  रुला  देते  है..!!
ऐसी  आवाज  में  कहते  है  कि  तुम  आ  जाओ..!
तुझको  आने  पे  ये  मज़बूर  बना  देते  है..!!
मुफलिसी  हो  या  मुसीबत..जो  ही  आ  जाए  ईन  पर..??
तेरी  सौगात  समझकर  सर  पे  उठा  लेते  है...!!
...........अपनी..  हस्त  जो  तेरे  कदमो  पर.....!

1 comment:

  1. जय--जय हे जग--जननी माता...!
    द्वार तिहारे जो भी आता..बिन मागे सब कुछ पा जाता...!

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