MANAV DHARM

MANAV  DHARM

Saturday, December 11, 2010

Bhajan Ganga....!

श्रुति--सिद्धांत  यही  उरगारी...राम  भजो  सब  काज  बिसारी..!!

2 comments:

  1. भक्त बहुतेरे भक्ति करनेवाला कोई--कोई..!
    माला घुमाते देखे सर को हिलाते देखे ..घट की माला को घुमानेवाला कोई--कोई..!
    बाजा बजाते देखे तान--में--तान मिलाते देखे..अनहद की धुन को सुननेवाला कोई--कोई..!
    कासीजी जाते देखे गंगा में नहाते देखे..घट की गंगा में नहानेवाला कोई--कोई..!
    साधू बहुतेरे देखे माया में रमते देखे.."हंस" का ध्यान कनेवाला कोई--कोई..!!

    ReplyDelete
  2. मिटा दे अपनी हस्तइ को की गर मर्तवा चाहे..?
    की दाना ख़ाक में मिलकर गुल- ऐ -गुलजार होता अहै..!!

    ReplyDelete