MANAV DHARM

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Wednesday, December 15, 2010

bhajan--ganga...!

पधारो  नाथ  पूजा  को  ह्तिदय  मंदिर  सजाया  है...!
मनोहर  बासुरी--सुन्दर  प्रभु  तुमने  सुनाया  है..!बचाओ   मोह--ममता  से  दास  सेवा  में  आया  है..!!

तुम्हारा  नाम  है  तारण..बस  यही  मेरे  मन  भाया  है..?
शरण  की  लाज  को  रख  लो...दास  चरणों  में  आया  है..!!

नहीं  मुझको  चाहिए  दौलत  फकत  दीदार  भाया  है..
अर्ज  मेरी  सुनो  गुरुवार  तमन्ना  लेकर  आया  है...!!
        ...पधारो  नाथी  पूजा  को........!!!!!

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