MANAV DHARM

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Monday, December 27, 2010

Bhajan--Ganga..!!

इस घट में एक ज्योति है...उस ज्योति में एक मोती है..!
पर किसी को पता ही नहि..! यह दुनिया तो सोती है..यह दुनिया तो सोती है..??
यह मोती है लाको का..नहीं काम है हाथो का..??
बिन--मोल नहीं मिलता..नहीं काम है बातो का..??
मणियो--सी चमके..लडियों--सी दमके....पर किसी को पता ही नहीं....
आया है वो व्यापारी..जिसकी दूकान है भारी..!
सौदा है नकद देता..नहीं देता है उधारी..!!
इस दूकान पर जो आता है..खरा सौदा वो पाटा है...पर किसी को पता ही नहीं.....
सदगुरु को पहचानो..उस नाम को सब जानो..!
छन्नी को ले यारो..उस नाम को सब छानो..!
जब वो नाम मिल जाए तो किस्मत खुल जाए...पर किसी को पता ही नहीं......

1 comment:

  1. इस घट में एक ज्योति है...उस ज्योति में एक मोती है..!
    पर किसी को पता ही नहि..! यह दुनिया तो सोती है..यह दुनिया तो सोती है..??
    यह मोती है लाको का..नहीं काम है हाथो का..??
    बिन--मोल नहीं मिलता..नहीं काम है बातो का..??
    मणियो--सी चमके..लडियों--सी दमके....पर किसी को पता ही नहीं....
    आया है वो व्यापारी..जिसकी दूकान है भारी..!
    सौदा है नकद देता..नहीं देता है उधारी..!!
    इस दूकान पर जो आता है..खरा सौदा वो पाटा है...पर किसी को पता ही नहीं.....
    सदगुरु को पहचानो..उस नाम को सब जानो..!
    छन्नी को ले यारो..उस नाम को सब छानो..!
    जब वो नाम मिल जाए तो किस्मत खुल जाए...पर किसी को पता ही नहीं......

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