MANAV DHARM

MANAV  DHARM

Friday, January 28, 2011

Naam..mahima..!

एको  सुमिरो  नानका..जल--थल  रहे  समय..!
दूजा  काहे  सुमिरिये  जन्मे  ते  मर  जाय...!!
...अर्थात....नानकदेव  जी  कहते  है  की....जल--थल  में  सर्वव्यापक  परमात्मा  का  एक  ही ( अखंड ) नाम  समाया  हुआ  है..उसी  का  सुमिरन  करना  चाहिए...!! इसके  अलावा  जो  नाम  है..वह  मुह  से  बोलते  ही  खत्म   यानि  समाप्त  हो  जाता  है.....क्योकि   इसका  प्रारम्भ  और  अंत  दोनों  ही  होने  से  यह  खंडित है.. !!

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