MANAV DHARM

MANAV  DHARM

Thursday, March 10, 2011

"आग लगी आकाश में झड--झड गिरे अंगार..!

"आग  लगी आकाश  में  झड--झड  गिरे  अंगार..!
संत  न  होते  जगत  में  तो  जल  मरता  संसार..!!"
..विज्ञान  परमाणु बम बना कर विध्वंस  का  रास्ता दिखा राहा है..लेकिन इन्सां को बचाने  का  रास्ता  बताना  तो  महान--पुरुषो का  कार्य है..!
महान-पुरुष  ही मानव के ह्रदय -रूपी प्रयोग शाळा में शांति  का  बम तैयार करने  का  फार्मूला बताते है..! सब कुछ पा  लिया मानव ने..लेकिन  चिर--शांति..स्नातुष्टि  को भी पाना  उसके जिवें का ध्येय होना चाहिए..!
यह बाहर नहीं मिल सकती..यह तो घट के ही भीतर  है..!
" घट भीतर उजियारा  साधो..घट भीतर  उजियारा रे..!
पास  बसे  अरु  नजर  ना आवे..ढूढ़त   फिरत  गवारा  रे......!!!!

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