MANAV DHARM

MANAV  DHARM

Friday, March 11, 2011

"रे मन..धीरज क्यों न धरे..?

सूरदास जी कहते है..
"रे मन..धीरज क्यों न धरे..?
संवत दो हजार के ऊपर ऐसा योग परे..!
पूरब-पश्चिम,-उत्तर-दक्षिण..चहु दिसि काल घिरे..!
अकाल मृत्यु व्पाये जग माहि प्रजा बहुत मरे..!
काल-व्याल से वही बचेगा..जो "हंस" का ध्यान धरे..!!
......रे मन धीरज क्यों न धरे.........!!
..तो आज हम देख ही रहे है..चारो तरफ..दैवी--आपदाए..लड़ाई--झगड़े..मार--काट..आतंक..महारोग--मानव की जान लीलते जा रहे है..!
..बस एक ही राता है..."हंस" का ज्ञान प्राप्त करके उसका ध्यान करना..!जो प्रभु के अविनाशी नाम को जनता और उसका भजन सुमिरन-ध्यान करता है..वह ही इन विपदाओं से बच पाटा है..क्योकि..वह गोवर्धन की छात्र-छाया में आ जाता है..!!

13 comments:

  1. यह किस ग्रंथ के किस अध्याय में है। बताने की कृपा करे।

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    1. सुरदास जी का भजन है नंबर 180

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  2. Vaani k0 tarod marod k pesh kiya hai is nikame ne..asli vani me hans nhi satguru likha hua hai...jo satguru ka dhyan dharega wo bachega bss baaki vinash ko prapt ho jayenge 3rd world war me jo jaldi hi hone wali hai...sant rampalji maharaj hi ek matr satguru hai prithvi pe..

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    1. Aur woh guru jail me hai toh prithvi ka vinash nishchit hai koi nahi bachega

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    2. https://www.facebook.com/100012259655862/posts/1286130205138956/

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    3. Bhai sahab Hans hi hai kyo afwah faila rahe ho surdas ji ki bhajan no 180 dekho pahle

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  3. iss bhajan ko tod marod kar prastoot kia gya hai kindly aisa galti na kre.santwani se khilwad na kre.

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    1. सही कहा तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया है

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  4. https://www.facebook.com/100012259655862/posts/1286130205138956/

    Bilkul sahi likha gaya hai

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  5. what is Hans Dhyan and how to do it

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    1. Bhai guru ko chod le wanna guru hi upper Laker jaayega.

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