MANAV DHARM

MANAV  DHARM

Wednesday, February 16, 2011

"..सत्यम..शिवम्..सुन्दरम..".......!!

"..सत्यम..शिवम्..सुन्दरम.."
अर्थात..जो "सत्य" है..वाही "शिव" है..और वही "सुन्दर" है..!
..जो "सुन्दर" है..वही "सौन्दर्य" है..!
..जो "सौन्दर्य" है..वही "आकर्षण" है..!
..जो "आक्शन" है..वही "कृष्ण" है..!
..जो "कृष्ण" है..वही "दिव्य" है..!
..जो "दिव्य" है..वही "प्रेम" है..वही "करुना" है..वही "दया" है..वही "छमा" है..वही "वात्सल्य" है..वही "तेज" है..वही "ऐश्वर्य" है..वही व्यापक" है..वही "बलवान" है..वही "द्रष्टा" है..वही "कर्ता..भर्ता..हर्ता" है..वही "प्रकाशक..प्रकाशित..प्रकाशवान" है..वही "गुणवान..गुणज्ञ..गुनातीत" है..वही "ऐश्वर्यवान..बलवान..तेजवान" है..वही "पुरुषोत्तम" है..वही "एकाक्षर" है..वही "सर्वव्यापक..सच्चिदानंद..सर्वज्ञ" है.वही "आदि..मध्य..अंत" है...!!
...इस "दिव्य ..दिव्यतम..दिव्यातीत"..परम--प्रभु--परमेश्वर के गुण वर्णनातीत है..!
...."सत्य" ही परमात्मा है..परमात्मा ही "सत्य" है..!..वही "सत्य--नारायण" है..!
..अतः परमात्मा को पाना है तो..सत्यनिष्ठापूर्वक सदाचरण सर्वोपरि--साधन है..!!! अर्थात..जो "सत्य" है..वाही "शिव" है..और वही "सुन्दर" है..!
..जो "सुन्दर" है..वही "सौन्दर्य" है..!
..जो "सौन्दर्य" है..वही "आकर्षण" है..!
..जो "आक्शन" है..वही "कृष्ण" है..!
..जो "कृष्ण" है..वही "दिव्य" है..!
..जो "दिव्य" है..वही "प्रेम" है..वही "करुना" है..वही "दया" है..वही "छमा" है..वही "वात्सल्य" है..वही "तेज" है..वही "ऐश्वर्य" है..वही व्यापक" है..वही "बलवान" है..वही "द्रष्टा" है..वही "कर्ता..भर्ता..हर्ता" है..वही "प्रकाशक..प्रकाशित..प्रकाशवान" है..वही "गुणवान..गुणज्ञ..गुनातीत" है..वही "ऐश्वर्यवान..बलवान..तेजवान" है..वही "पुरुषोत्तम" है..वही "एकाक्षर" है..वही "सर्वव्यापक..सच्चिदानंद..सर्वज्ञ" है.वही "आदि..मध्य..अंत" है...!!
...इस "दिव्य ..दिव्यतम..दिव्यातीत"..परम--प्रभु--परमेश्वर के गुण वर्णनातीत है..!
...."सत्य" ही परमात्मा है..परमात्मा ही "सत्य" है..!..वही "सत्य--नारायण" है..!
..अतः परमात्मा को पाना है तो..सत्यनिष्ठापूर्वक सदाचरण सर्वोपरि--साधन है..!!!

No comments:

Post a Comment