MANAV DHARM

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Thursday, February 10, 2011

"सन्मार्ग" क्या है..?? What is "TRUE PATH" ?

"सन्मार्ग" क्या है..?? What is "TRUE PATH" ?
महाभारत काल में युधिष्ठिर जब वनवास में थे..तब..यक्ष ने उनसे यह प्रश्न पूछा...!
युधिष्ठिर ने जबाब दिया...."महाजनों येन गता सः पन्थाः "
..अर्थात..जिस मार्ग पर महान--पुरुष चले..वह सन्मार्ग है..!
तो बिचार करने की बात है..हमारे महान--पुरुष किस मार्ग पर चले..??
उन्होंने कहा.."असतो माँ सत गमय.."..मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो..!
"तमसो माँ ज्योतिर्गमय..?..मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो..!
"मृत्योर्मामृत गमय.."..मुझे मृत्यु से अमरत्व की ओर ले चलो..!
स्पष्ट है...हमारा लक्ष्य असत्य की ओर जाने का होना चाहिए..! से सत्य की ओर..अन्धकार से प्रकाश की ओर और मृत्यु से अमरत्व की ओर जाने का होना चाहिए..!
..लेकी आज का मानव किधर जा राहा है..??
..मनुष्य के अन्दर जो कुप्रवृत्तिय है..उसके पीछे कौन से कारण है..??
इसके पीछे अज्ञानान्धकार..तमोगुनो की प्रधानता और माया--मोह की प्रवलता है..!
रामचरितमानस में गोस्वामीजी कहते है...
" मोह सकल व्याधिंह कर मुला...जेहि ते पुनि उपजहि बाहु शूला..!"
अर्थात..माया--मोह..(ILLUSION_..ही प्रबल कारण है..जिससे अज्ञान ..काम--क्रोध--लोभ--मोह --अहंकार..जैसे तमोगुण उत्पन्न हो रहे है..!
जब तक ज्ञान--रूपी प्रकाश नहीं मिलेगा..तब तक यह अन्धकार दूर नहीं हो सकता ..!
जिसे अपने--आप को पाने--जानने की अभलाषा--इच्छा होती है वह इस मार्ग पर चल पड़ता है..!
गोस्वामीजी आगे कहते है..
"अति हरी कृपा जाहि पर होई..पाँव देहि यह मार्ग सोई..!"
..तो सत्गुनो का प्रगटीकरण और उसकी प्राप्ति परमात्मा की कृपा से ही होती है..!
जब प्रभु की कृपा से ग्यानी आत्मा का सानिध्य प्राप्त होता है..तब आत्मा जागृति होती है..! नानकदेवजी कहते है..
" जागो रे जिन जागना..अब जागन की बारी..फिर क्या जागे नानका जब सोये पाँव पसारी !"
अर्थात..जिनको जगाना होता है..वह अपने जागने की राह देख लेते है..और जिन्हें पाँव--पसार कर सोना होते है वह सोते ही रह जाते है..!
इसप्रकार माया--मोह में सोये हुए को जगानेवाला समय का तत्वदर्शी महान--पुरुष हर काल--हर समय--हर जगह विद्यमान रहता है..!
आवश्यकता है..उनको जानने--समझाने--पहचानने की..तभी इस विकट अज्ञानता से मुक्ति मिल सकती है..!


1 comment:

  1. its really appreciating u for doing such a inspirational work

    thaks a lot

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