"धर्म से अधि व्यापक तत्त्व संसार में और दूसरा नहीं है..लेकिन धर्मं ने मानव को कितनी कितनी संकुचित सीमाओं में बाँध दिया है ! धर्मं का सम्बन्ध मानव के शरीर से नहीं ,,बल्कि चेतना (आत्मा) से है..बौद्धिकता से नहीं..बल्कि ह्रदय से है..हिन्दू या मुसलमान से नहीं..बल्कि मानव से है....!!"------सदगुरुदेव श्री सतपाल जी महाराज..
No comments:
Post a Comment