MANAV DHARM

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Sunday, February 13, 2011

जिस दिन मौत कि सहजादि आयेगि ,....!!


सज -धज के जिस दिन मौत कि सहजादि आयेगि ,
न सोना काम आयेगा न चांदी आयेगि ||

छोटा सा तु कितने बडे अरमान है तेरे ,
मिट्टिका तु सब सोने के समान है तेरे |
...मिट्टी कि काया जिस दिन मिट्टी मे समायेगि |
न सोना काम आयेगा ...............

पक्षि है तु पर पिंजडा खोल के उड जा '
माया मोह के सारे वन्धन तोड के उड जा ||
दिल कि धडकन मे जिस दिन मौत गुन-गुनायेगि ||
न सोना काम आयेगा .....................

अछा किया करम तुने पाया है मानव तन ,
अब पाप मे डुबा है क्यों मुरख तेरा मन |
यह पाप कि नैया तुझे एक दिन डुबायेगि ||
न सोना काम आयेगा ...............

धन दौलत से खाली होंगे एक दिन हाथ ,
अन्त समय भगवान का भजन चलेगा साथ |
सद गुरु हंस कि वाणी उस् दिन काम आयेगि ||
न सोना काम आयेगा न चांदी आयेगि ||

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